एक दिल है, एक जान है
दोनों तुझ पे...
दोनों तुझ पे कुर्बान है
एक मैं हूँ, एक ईमान है
दोनों तुझ पे, हाँ, तुझ पे
दोनों तुझ पे कुर्बान है
एक दिल है
इश्क़ भी तू, मेरा प्यार भी तू
मेरी बात, ज़ात, जज़्बात भी तू
परवाज़ भी तू, रूह-ए-साज़ भी तू
मेरी साँस नब्ज़ और हयात भी तू
मेरा राज़ भी तू, पुखराज भी तू
मेरी आस प्यास और लिबास भी तू
मेरी जीत भी तू, मेरी हार भी तू
मेरा राज राज और मिज़ाज भी तू
मेरे इश्क़ के हर मकाम में
हर सुबह में, हर शाम में
इक रुतबा है, एक शान है
दोनों तुझ पे, हाँ, तुझ पे
दोनों तुझ पे, हाँ, तुझ पे
दोनों तुझ पे कुर्बान है
एक दिल है, एक जान है
दोनों तुझ पे...
दोनों तुझ पे कुर्बान है