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Main Agar Kahoon-Bol Do Na Zara

Armaan Malik/Jonita Gandhi/Rashmi Viraghuatong
pressman1914huatong
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Gravações
तुमको पाया है तो जैसे खोया हूँ

कहना चाहूँ भी तो तुमसे क्या कहूँ?

तुमको पाया है तो जैसे खोया हूँ

कहना चाहूँ भी तो तुमसे क्या कहूँ?

किसी ज़बाँ में भी वो लफ़्ज़ ही नहीं

कि जिनमें तुम हो क्या तुम्हें बता सकूँ

बोल दो ना ज़रा, दिल में जो है छिपा

मैं किसी से कहूँगी नहीं

बोल दो ना ज़रा, दिल में जो है छिपा

मैं किसी से कहूँगा नहीं (कहूँगी नहीं)

मुझे नींद आती नहीं है अकेले

ख़्वाबों में आया करो

नहीं चल सकूँगा तुम्हारे बिना मैं

मेरा तुम सहारा बनो

तुम हुए मेहरबाँ, तो है ये दास्ताँ

एक तुम्हें चाहने के अलावा

और कुछ हमसे होगा नहीं

बोल दो ना ज़रा, दिल में जो है छिपा

मैं किसी से कहूँगा नहीं

बोल दो ना ज़रा, दिल में जो है छिपा

मैं किसी से कहूँगा नहीं (कहूँगी नहीं)

शोख़ियों में डूबी ये अदाएँ

चेहरे से झलकी हुई हैं

ज़ुल्फ़ की घनी-घनी घटाएँ

शान से ढलकी हुई हैं

रूह से चाहने वाले आशिक़

बातें जिस्मों की करते नहीं

मैं अगर कहूँ, "हमसफ़र मेरी

अप्सरा हो तुम या कोई परी"

तारीफ़ ये भी तो सच है कुछ भी नहीं

बोल दो ना ज़रा, दिल में जो है छिपा

मैं किसी से कहूँगा नहीं

बोल दो ना ज़रा, दिल में जो है छिपा

मैं किसी से कहूँगा नहीं

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