menu-iconlogo
huatong
huatong
kalyanji-anandjilata-mangeshkar-khai-thi-kasam-ek-raat-sanam-cover-image

Khai Thi Kasam Ek Raat Sanam

Kalyanji-Anandji/Lata Mangeshkarhuatong
msc.brownhuatong
Letra
Gravações
खाई थी क़सम इक रात सनम

तूने भी किसी के होने की होने की

अब रोज़ वहीं से आती है

आवाज़ किसी के रोने की, रोने की

खाई थी क़सम

आती है तेरी जब याद मुझे

बेचैन बहारें होती हैं

आती है तेरी जब याद मुझे

बेचैन बहारें होती हैं

मेरी ही तरह इस मौसम में

घनघोर घटाएँ रोती हैं

कहती है फ़िज़ा रो मिल के ज़रा

ये रात है मिल के रोने की रोने की

खाई थी क़सम

माँगी थी दुआ कुछ मिलने की मगर

कुछ दर्द मिला कुछ तन्हाई

माँगी थी दुआ कुछ मिलने की मगर

कुछ दर्द मिला कुछ तन्हाई

तू पास ही रह कर पास नहीं

रोती है मिलन की शहनाई

हसरत ही रही इस दिल के हसीं

अरमानों के पूरे होने की, होने की

खाई थी क़सम इक रात सनम

तूने भी किसी के होने की होने की

अब रोज़ वहीं से आती है

आवाज़ किसी के रोने की रोने की

खाई थी क़सम

Mais de Kalyanji-Anandji/Lata Mangeshkar

Ver todaslogo

Você Pode Gostar