यह कैसी खुमारी
तेरी मेरी यारी
ले आयी हमें अब
देखो कहां
यह आदत तुम्हारी
हैं ऐसी बीमारी
मेरा जो था अब वो
तेरा हुआ
सुन लो ना दिल की बातें
लफ़्ज़ ना कह पाए जो
कब होते दिन कब रातें
अब ना खबर कुछ मुझको... हां
मैं लहर लहर बन जाऊं
बस तुझी में घुल जाओं
संग तेरे बह जाओं मैं
तू पास हैं या दूर हैं
मुझमे तो जरूर हैं
कैसे मैं यह कह दु तुझे
कुछ तो हुआ
मुझको जरूर
तू बन गई
मेरा फितूर