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Dil Sheher

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Letra
सौ-सौ दफ़ा बिन बात के inbox खोलना

हो गुफ़्तुगू दीवार से, ख़्वाबों में बोलना

ये सिलसिले हैं अभी बने, या पुरानी पहचान है?

जैसे नयी बरसात में हाथों को खोलना

मैं हूँ यहीं, या हूँ वहाँ

है कौन, और कहाँ?

कुछ पता नहीं है, सब मिला-जुला है

दिल-शहर का मौसम अब खुला-खुला है

कुछ पता नहीं है, सब मिला-जुला है

दिल-शहर का मौसम अब खुला-खुला है

अब खुला-खुला है

ढूँढना कोई call करने का बहाना

Phone की dim रोशनी में मुस्कुराना

बात करना तुझसे मेरे दोस्तों की

दोस्तों से तेरी बातों को छुपाना

बस सुनता हूँ गाने सभी तेरी पसंद के

और ले रहा मैं हूँ नए कपड़े भी ढंग के

कुछ पता नहीं है, सब मिला-जुला है

दिल-शहर का मौसम अब खुला-खुला है

कुछ पता नहीं है (कुछ पता नहीं है, सब मिला-जुला है) सब मिला-जुला है

(दिल-शहर का मौसम अब खुला-खुला है)

दिल-शहर का मौसम (कुछ पता नहीं है, सब मिला-जुला है) अब खुला-खुला है

(दिल-शहर का मौसम अब खुला-खुला है) अब खुला-खुला है

Dil Sheher de Sameer Rahat/salman elahi/Gautam Aditya – Letras & Covers