menu-iconlogo
huatong
huatong
semwal-take-me-home-pahadon-mein-cover-image

Take Me Home (Pahadon Mein)

Semwalhuatong
mustangcrouchhuatong
Letra
Gravações
आदत सी हो गयी थी

शहर के शोर की, भीड़ की

आदत सी हो गयी थी

अंजाने चेहरो की, रस्तो की

सुबह से शाम उलझानो में जाती थी

रातें मुझे अकेला पाती थी

आज आईने में देखा जो खुद को

एक अजनबी दिखता है मुझको

अब घर जाना है मुझे

पहाड़ों में खो जाना है मुझे

बहता इन वादियों में

खुद को पा जाना है मुझे

खुले आसमानो में

जंगल के शोर में

नदियो के किनरो पे

पत्तो की ओढ़ में

आँखें खुली तो समझ कुछ ना आया

कौन हू में पहचान ना पाया

अब घर जाना है मुझे

पहाड़ों में खो जाना है मुझे

बहता इन वादियों में

खुद को पा जाना है मुझे

दो कश ज़िंदगी के लिए

यह सासें तड़प गयी

अधजाली मदहोशी

यह बेगानी हवायें हधप गयी

अब घर जाना है मुझे

पहाड़ों में खो जाना है मुझे

बहता इन वादियों में

खुद को पा जाना है मुझे

अब घर जाना है मुझे

पहाड़ों में खो जाना है मुझे

बहता इन वादियों में

खुद को पा जाना है मुझे

अब घर जाना है मुझे

पहाड़ों में खो जाना है मुझे

बहता इन वादियों में

खुद को पा जाना है मुझे

अब घर जाना है मुझे

पहाड़ों में खो जाना है मुझे

बहता इन वादियों में

खुद को पा जाना है मुझे

Mais de Semwal

Ver todaslogo

Você Pode Gostar