menu-iconlogo
logo

Chhoo Le

logo
Letra
क्यों ऐसा लगे

पल ख्वाइशों केसदी से है रवाना

दिल बेज़ुबान से कह नहीं सके

जो तुमको है बताना

बिना डोर की हम पतंग

मझधार में है मलंग

रुकी रुकी

दास्ताँ

छू ले

छू ले आसमान

ख्वाबों के

बादल से भरा

छू ले आसमान

आ आ आ आ

खुद से जो मिले

अजनबी लगे क्यूँ आइना हमारा

धुंधला सा लगे

और फीका लगे

क्यों अपना हर फसाना

बिना डोर की हम पतंग

मझधार में है मलंग

रुकी रुकी

दास्ताँ

छू ले

छू ले आसमान

ख्वाबों के

बादल से भरा

छू ले आसमान

लाखों ख्वाबों के

भरे गुब्बारे से उड़े कयूँ है और कहाँ

है कश्मकश धुआं है

हर नज़र में क्यूँ

उठा उठा तूफ़ान

एक दिन ऐसा हो

हम भी जानेंगे खुद को

जूडसे जायेंगे

किस्से यह बेशुमार

छू ले

छू ले आसमान

ख्वाबों के

बादल से भरा

छू ले आसमान

Chhoo Le de Sharman Joshi/Raghu Dixit/Anvita Dutt – Letras & Covers