menu-iconlogo
huatong
huatong
Letra
Gravações
ख्वाइशो की फिरसतियाँ

बढ़ती है कम होती नही

इरादो की मन मर्ज़ियाँ

ख़तम होती नही

यादों की वो दोपहरियाँ

भीगी पल्को से जाती नही

ख़ालीपन आके भीड़ मे

ढूंडूँ मैं कहानी मेरी

किसने कहा की दिन गुज़र गया

किसने कहा के शाम ढल गयी

ये इत्तेफ़ाक़ है के तू यहा नही

मैं भी आगे बढ़ गया कभी

यादों की दोपहरियाँ

सन्नाटे की किल कारियाँ

भीनी आँच पे तपे

बेसब्र की दोपहरियाँ

दोपहरियाँ दोपहरियाँ

दोपहरियाँ दोपहरियाँ

तू भी था वहाँ

जहाँ इश्क़ था जवान

ना थी मंज़िल्ले

ना कारवाँ

आदतों में तू

मेरी हसरतो मे तू

तुझसे था जुड़ा

मेरा रास्ता

कब कैसे वो पल

यु गुज़र गया

प्यार का मौसम ये

क्यूँ बदल गया

चाहे बदले जमाना

तू ना बदलेगा

खुशियूं की हर महफ़िल मे

तू ही था

फिर कैसे राहे दो मूड गयी

अंजाने बनके क्यूँ रह गये

रिश्तों की भीड़ मे हमसे तुम

गैरों की तरह क्यूँ बिछड़ गये

किसने कहा की दिन गुज़र गया

किसने कहा के शाम ढल गयी

ये इत्तेफ़ाक़ है के वो यहा नही

मैं भी आगे बढ़ गयी कभी

हे यादों की दोपहरियाँ

सन्नाटे की किल कारियाँ

भीनी आँच पे तपे

बेसब्र की दोपहरियाँ

दोपहरियाँ दोपहरियाँ

दोपहरियाँ दोपहरियाँ

Mais de Sumedha Karmahe/Amarabha Banerjee

Ver todaslogo

Você Pode Gostar