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Kaha raja bhoj

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Letra
खुश्बू सबब रंग रावणी उठा के ले

कहते है उम्र रफ़्ता कभी लौटि नहीं

जमेकडी से मेरी जवानी उठा के ले

अरे हाय हाय गुजरा हुआ

जमाना कभी लौटा नहीं

शायद कभी भी इसने देखा न आइना

साधिया गया है इसको कुछ सूझता नहीं

छछूंदर के सर पे न भये चमेली

छछूंदर के सर पे

छछूंदर के सर पे न भये चमेली

कहा राजा भोज कहाँ गंगू तेली

कहा राजा भोज कहाँ गंगू तेली

क्यों उस्ताज ठीक है न

क्या बोलै छछूंदर

मई सकर की बोरी ये है गुड की बेलि

मई सकर की बोरी

मई सकर की बोरी ये है गुड की बेलि

कहा राजा भोज कहाँ गंगू तेली

कहा राजा भोज कहाँ गंगू तेली

काबर के अंदर तेरी कमरिया

काबर के अंदर तेरी कमरिया

कमरिया

काबर के अंदर तेरी कमरिया

बस कुछ दिन है बाकि उमरिया

घर मेरा देखे झाके अटरिया

घर मेरा देखे झाके अटरिया

अटरिया

घर मेरा देखे झाके अटरिया

धन पे है मेरे इस की नजरिया

अरे बुद्धु ये शेर अर्ज़ है तेरे लिए

लोग अचे हो तो ढुलत नहीं देखि जाती

सीरत अच्छी हो तो सूरत नहीं देखी जाती

इतना बता दो इस बेख़बर सौदागर को

माल अच्छा हो तो कीमत नहीं देखि जाती

क्या शेर मारा है

बोया मुझको होने ने

बोया तुझको होने ने

न मैं होता तो क्या होता

न तू होता तो क्या होता

न तू होता तो ये होटल नहीं होता

न मैं होता तो ये ढाबा नहीं होता

न होटल होता

न रगडा होता

बुझा न मुझे झूठी मुति पहेली

बुझा न मुझे

बुझा न मुझे झूठी मुति पहेली

कहा राजा भोज कहाँ गंगू तेली

कहा राजा भोज कहाँ गंगू तेली

ए गंगू ै पंगु

ै गंगू गंगानदी

पंगे लंगड़े

कुछ सुना सुना तो सुन

समझ समझ के समझ को समझो

समझ समझ न भी एक समझ है

समझ समझ के समझ को समझो

समझ समझ न भी एक समझ है

समझ समझ के जो न समझे

मेरी समझ में वो नासमझ है

ए नासमझ न समझ न समझ मुझे

अरे नासमझ न समझ न समझ मुझे

मेरी समझ तो तेरी

समझ की समझ से बाहर है

बहार है मेरी समझ तो तेरी

समझ की समझ से बाहर है

मैंने दे दिया उनको प्यार की हड़की

मैंने जान दी उनको ऐतबार की हड़की

मरने के बाद भी खुली नहीं आँखे

ये मेरे इंतज़ार की हद थी

ये मेरे इंतज़ार की हद थी

ये तेरे इंतज़ार की हद थी

ये तेरे इंतज़ार की हद थी

मै तुझे झेल गया झेलने की हद से

मै तुझसे खेल गया खेलने की हद से

तेरे सामने ढाबा खोला

ये मेरे खोलने की हद थी

है मेरे खोलने की हद थी

ये तेरे खोलने की हद थी

ये तेरे खोलने की हद थी

ढाबा उठा

ढाबा उठा

ढाबा उठा

मई इधेर जौ के उधेर जाऊ

बड़ी मुश्किल

मुश्किल में हूँ

मैं किधर जाऊ इधेर जाऊ

इधर जौ के उधेर जाऊ

उधेर जाउ इधेर जाउ

इधर जौ के उधेर जाऊ

किधर जाऊ

कभी इधर गया कभी उधर गया

मुश्किल होगी अगर लुढ़क गया

अरे रे सम्भालो

कोई हाथ थो कोई पाँव थारो

भूदि नैया है प्यार करो

ये ातक ये भटक गया

लगता है मुझे ये छटक गया

हाँ मेरे पास नहीं ये आएगा

मुझसे ना कभी नही टकरायेगा

बचके बचके

दौलत से गया शौरत से गया

बाहरी महफ़िल में इज़्ज़त से गया

भुत हवा में था

यारो में बाजी मार गया

मेरी जीत हुई ये हार गया

मेरी जीत हुई ये हार गया

मेरी हो गयी इस की खोटहि हवेली

मेरी हो गयी है मेरी हो गयी

मेरी हो गयी इस की खोटहि हवेली

कहा राजा भोज कहाँ गंगू तेली

कहा राजा भोज कहाँ गंगू तेली

कहा राजा भोज कहाँ गंगू तेली

कहा राजा भोज कहाँ गंगू तेली.

Kaha raja bhoj de Vinod Khanna – Letras & Covers