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Ghazhal Sunayon

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गाज़्ल सुनायों के

महफ़िल पे जवानी आए

गाज़्ल सुनायों के

महफ़िल पे जवानी आए

रुख़ ए शब्बाब पे

रंगत वो पुरानी आए

गाज़्ल सुनायों के

यूँ ज़िकार बातो ही

बातों में आ गया उनका

यूँ ज़िकार बातो ही

बातों में आ गया उनका

के जैसे याद कोई

भूली कहानी आए

के जैसे याद कोई

भूली कहानी आए

रुख़ ए शब्बाब पे

रंगत वो पुरानी आए

गाज़्ल सुनायों के

खड़ी हैं शाम

मेरी ज़िंदगी के सरहाने

खड़ी हैं शाम

मेरी ज़िंदगी के सरहाने

गले लगाओ के

सांसो में रवानी आए

गले लगाओ के

सांसो में रवानी आए

रुख़ ए शब्बाब पे

रंगत वो पुरानी आए

गाज़्ल सुनायों के

अजीब दाव मोहोब्बत का

उसने खेला हैं

अजीब दाव मोहोब्बत का

उसने खेला हैं

के लब पे आए हसीन

आँखों में पानी आए

के लब पे आए हसीन

आँखों में पानी आए

रुख़ ए शब्बाब पे

रंगत वो पुरानी आए

गाज़्ल सुनायों के

मैं जैसे झलती हुई

रेत पे चलता राही

मैं जैसे झलती हुई

रेत पे चलता राही

वो जैसे राजमेहेल में

कोई रानी आए

वो जैसे राजमेहेल में

कोई रानी आए

रुख़ ए शब्बाब पे

रंगत वो पुरानी आए

गाज़्ल सुनायों के

Ghazhal Sunayon от Ahmed & Mohammed Hussain/Ustad Mohammed Hussain - Тексты & Каверы