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Noor

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तू थोड़ा मुस्कुराए, सपनों में आ जाए

चेहरा ही तेरा

तू बातों में उलझाए, दिल से ये कहलाए

हर लम्हा है तेरा

चाँद के टुकड़ों से चेहरे को सजा दिया

बारिश के बूँदों ने आँखों में पनाह लिया

कुछ तो है बात तुझमें, तेेरा ये फ़ितूर

छा गया है मुझपे तेरा जादू

ये नूर तेरा

कहीं दूर ले गया

महफ़ूज़ शाम बनाके

मेरे रूह को ले गया

कैसे करूँ मैं यक़ीं तेरी ये जादूगरी?

मैं तो ख़यालों में, ख़्वाबों में खोया हूँ कहीं

तेरी ख़ुशी में छिपी दास्ताँ अब मेरी

तेरी हँसी ने भरी है हर पल में ज़िंदगी

चाँद के टुकड़ों से चेहरे को सजा दिया

बारिश के बूँदों ने आँखों में पनाह लिया

कुछ तो है बात तुझमें, तेेरा ये फ़ितूर

छा गया है मुझपे तेरा जादू

ये नूर तेरा

कहीं दूर ले गया

महफ़ूज़ शाम बनाके

मेरे रूह को ले गया

ये नूर तेरा

ये नूर तेरा

महफ़ूज़ शाम बनाके

मेरे रूह को ले गया

Noor от Akshath - Тексты & Каверы