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हवा के झोंके आज मौसमों से रूठ गए

गुलों की शोखियाँ जो भवरे आ के लूट गए

बदल रही है आज ज़िंदगी की चाल ज़रा

इसी बहाने क्यों ना मैं भी दिल का हाल जरा

सवार लूँ, सवार लूँ

सवार लूँ, हाए सवार लूँ

हवा के झोंके आज मौसमों से रूठ गए

गुलों की शोखियाँ जो भवरे आ के लूट गए

बदल रही है आज ज़िंदगी की चाल ज़रा

इसे बहाने क्यूँ न मैं भी दिल का हाल ज़रा

सवार लूँ, हाए सवार लूँ

सवार लूँ, हाए सवार लूँ

बनामजी पुराने हैं नई सी धूप है

जो पलकें खटखटा रहा है किसका रूप है?

शरारतें करें जो ऐसे भूलते ही जा

कैसे उसको नाम से मैं पुकार लूँ

सवार लूँ, सवार लूँ

सवार लूँ, हाए सवार लूँ

ये सारी कोयलें बनीं हैं आज ड़ाकीया

कूहू-कूहू में चिट्ठियाँ पढ़े मज़ाकिया

ये सारी कोयलें बनीं हैं आज ड़ाकीया

कूहू-कूहू में चिट्ठियाँ पढ़े मज़ाकिया

इन्हें कहों के ना छुपाए किसने है लिखा?

बताए उसकी आज मैं नज़र उतार लूँ

सवार लूँ, हाए सवार लूँ

सवार लूँ, सवार लूँ

हवा के झोंके आज मौसमों से रूठ गए

गुलों की शोखियाँ जो भवरे आ के लूट गए

बदल रही है आज ज़िंदगी की चाल ज़रा

इसे बहाने क्यूँ न मैं भी दिल का हाल ज़रा

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