menu-iconlogo
huatong
huatong
Тексты
Записи
ऐसी मररनी जो मारे

बहुरि ना मरना होए

कबीरा मरता मरता जग मुआ

मर भी ना जाने कोई

क्या जाने कीव माररांगे

कैसा मरना होए

जे कर साहिब मनहु ना विसरे

तां सेहल मरना होए

तान सेहल मरना

मरना

मरना होए

किथे तुरदा लब्दा फिरदा

साया नाल साहिब दा

जीन तो पहले मुकदा क्यों वे

जुधन तो ज़्यादा टुटदा

हर धुन गाओ निर्गुण निरभउ

हर धुन सुन निर्गुण निरवैर

हर धुन गाओ निर्गुण निरभउ

हर धुन सुन निर्गुण निरवैर

पैर लम्मे निक्की चद्रां

कफ़न ने पूरा ढकना

जो वि खाया वोह था अपना

बाक़ी तां अहमद शाह दा

सुफ़ने तू झूठे चखदा फिरदा

शहद वी खट्टा लगदा हाय

जीन तो पहले मुकदा क्यों वे

जुधन तो ज़्यादा टूटन

हर धुन गाओ निर्गुण निरभउ

हर धुन सुन निर्गुण निरवैर

हर धुन गाओ निर्गुण निरभउ

हर धुन सुन निर्गुण निरवैर

Еще от Amit Trivedi/Sant Kabir/Anvita Dutt/Shahid Mallya

Смотреть всеlogo

Тебе Может Понравиться