menu-iconlogo
huatong
huatong
avatar

Abhi Mujh Mein Kahin (Seaward Sessions)

Amrit Ramnathhuatong
noyan_1453huatong
Тексты
Записи
हा धूप में जलते हुए तन को

छाया पेड़ की मिल गयी

रूठे बच्चे की हंसी जैसे

फुसलाने से फिर खिल गयी

कुछ ऐसा ही अब महसुस दिल को हो रहा है

बरसों के पुराने ज़ख्मों पे मरहम लगा सा है

कुछ एहसास है, इस लम्हे में है

ये लम्हा कहाँ था मेरा

अब है सामने इसे छु लूं ज़रा

मर जाऊं या जी लूं ज़रा

खुशियाँ �**� लूं या रो लूं ज़रा

मर जाऊं या जी लूं ज़रा

अभी मुझ में कहीं

बाकी थोड़ी सी है जिन्दगी

जगी धड़कन नई

जाना ज़िन्दा हूं मैं तो अभी

कुछ ऐसी लगन इस लम्हे में है

ये लम्हा कहाँ था मेरा

अब है सामने इसे छु लूं ज़रा

मर जाऊं या जी लूं ज़रा

खुशियाँ �**� लूं या रो लूं ज़रा

मर जाऊं या जी लूं ज़रा

अब है सामने इसे छु लूं ज़रा

मर जाऊं या जी लूं ज़रा

खुशियाँ �**� लूं या रो लूं ज़रा

मर जाऊं या जी लूं ज़रा

Еще от Amrit Ramnath

Смотреть всеlogo

Тебе Может Понравиться