मुसाफ़िर तू यहाँ
दो पला का कारवाँ
समय की आग में
हो जाए सब धुआँ
राहिया, वे खोया है कहाँ?
राहिया, वे माया ये जहाँ
राहिया, ले चल ख़ुद को वहाँ
सुकूँ मिले जहाँ
जो ढूँढे है तनहा ये दिल तेरा
पाएगा ना वो मंज़िल यहाँ
ये फ़ितूर ले चला है कहाँ?
क्यूँ ग़ुरूर है तुझमें बसा?
भागे है मन तेरा
थम जा ज़रा नादाँ
ये आसमाँ है तेरी पनाह
राहिया, वे खोया है कहाँ?
राहिया, वे माया ये जहाँ
राहिया, ले चल ख़ुद को वहाँ
सुकूँ मिले जहाँ
है खोया तू कहाँ?
दर-ब-दर यहाँ-वहाँ
तुझमें ही है तेरा जहाँ
तेरा जहाँ
राहिया...
राहिया, वे खोया है कहाँ?
राहिया, वे माया ये जहाँ
राहिया, ले चल ख़ुद को वहाँ
राहिया, वे खोया है कहाँ?
राहिया, वे माया ये जहाँ
राहिया, ले चल ख़ुद को वहाँ
सुकूँ मिले जहाँ