आँखों से बातें सभी
कही, सुनी
सरगोशी में गुम कहीं
सदा, तेरी
ख्वाबों की चादर में हम
सिमट लें आ ज़रा
मंज़िल की ना हो फिकर
भटक लें आ ज़रा
हा आता ही नही है इज़हार हमें
ज़ाहिर कैसे हो यह प्यार
तरक़िबें सुझे ना कोई हमें
कैसे हो तुमसे बात
आँखों से बातें सभी
कही, सुनी
सरगोशी में गुम कहीं
सदा, तेरी
देती तसल्ली दिल को मेरे
बदलेगी यह कहानी
मालूम हुमको तेरे दिल में भी है प्यार
कह दे तेरी ज़ुबानी
अंदाज़े में होता प्यार ना
वादे होते निभाने
कह ना पाए गर, हो के तुमसे रूबरू
रह जाएँगे अंजञाने
आता ही नही है इज़हार हमें
ज़ाहिर कैसे हो यह प्यार
तरक़िबें सुझे ना कोई हमें
कैसे हो तुमसे बात
आँखों से बातें सभी
कही, सुनी
सरगोशी में गुम कहीं
सदा, तेरी
हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो