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tera man mera man mile prit yu khile

Arvind Kumarhuatong
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ARVIND KUMAR 118542

Movei : Chandramukhi,MUKESH JI, LATA JI

f-तेरा मन मेरा मन मिले,प्रीत यूँ खिले की दूर अंधेरे हो

मुझे तो ऐसा लगे की बस तुम मेरे हो

m-तेरा मन मेरा मन मिले,प्रीत यूँ खिले की दूर अंधेरे हो

मुझे तो ऐसा लगे, के बस तुम मेरे हो तुम मेरे हो

f-अजी तुम मेरे हो

f-पायल की मेरी रुमझूम हो ,माथे की मेरी कुमकुम हो

पायल की मेरी रुमझूम हो ,माथे की मेरी कुमकुम हो

जिसको धुन्ढ़ते थे नैना, बोलो अजी क्या वही तुम हो

मन पे जादू किया, रंग भर दिया रे चतुर चितेरे हो

मुझे तो ऐसा लगे की बस तुम मेरे हो

m-तेरा मन मेरा मन मिले, प्रीत यूँ खिले की दूर अंधेरे हो

मुझे तो ऐसा लगे की बस तुम मेरे हो ,तुम मेरे हो

f-अजी तुम मेरे हो

m-देखी झलक आँखों में, मिलती नहीं वो लाखों में

देखी झलक आँखों में, मिलती नहीं वो लाखों में

तेरे जितने रंग कहाँ, तितली की चंचल पाँखों में

पहले तो रूप सजा के, जी अब यूँ लजा के क्यू मुखड़ा फेरे हो

मुझे तो ऐसा लगे ,के बस तुम मेरे हो

f-तेरा मन मेरा मन मिले प्रीत यूँ खिले की दूर अंधेरे हो

मुझे तो ऐसा लगे की बस तुम मेरे हो,तुम मेरे हो

m-अजी तुम मेरे हो

fm-तुम मेरे हो अजी तुम मेरे हो..

THANKS AND REGARDS

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