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हम ने तुम से, तुम ने हमारा, रिश्ता जोड़ा ग़म से

एक वफ़ा के सिवा, कौन सी खता, हुईं थी हमसे

कभी बंधन जुड़ा लिया, कभी दामन छुड़ा लिया

कभी बंधन जुड़ा लिया, कभी दामन छुड़ा लिया

कभी बंधन जुड़ा लिया, कभी दामन छुड़ा लिया

ओह साथी रे

कैसा सिला दिया, यह वफ़ा का, कैसा सिला दिया

कैसा सिला दिया, यह वफ़ा का, कैसा सिला दिया

तेरे वादे वह ईरादे, तेरे वादे वह इरादे

ओह साथी रे

सब कुछ भुला दिया, यह वफ़ा कैसा सिला दिया

सब कुछ भुला दिया, यह वफ़ा कैसा सिला दिया

बात कुछ समझ ना आयी, कमी क्या हममें पाई

एक तरफा यह मोहब्बत, हमींने सिर्फ निभाई

जाम चाहत का देकर, जहर नफरत का पिला दिया

जाम चाहत का देकर, जहर नफरत का पिला दिया

जहर नफरत का पिला दिया

तेरे वादे वह ईरादे, तेरे वादे वह इरादे

ओह साथी रे

सब कुछ भुला दिया, यह वफ़ा कैसा सिला दिया

सब कुछ भुला दिया, यह वफ़ा कैसा सिला दिया

उम्र भर सो ना सकेगें, किसी के हो ना सकेंगे

अजनबी तुम हो जाओ, गैर हम हो ना सकेगें

किसी बेगाने की खातिर, तुमने अपनों को भुला दिया

किसी बेगाने की खातिर, तुमने अपनों को भुला दिया

तुमने अपनों को भुला दिया

हां तुमने अपनों को भुला दिया

तेरे वादे वह ईरादे, तेरे वादे वह इरादे

ओह साथी रे

सब कुछ भुला दिया, यह वफ़ा कैसा सिला दिया

सब कुछ भुला दिया, यह वफ़ा कैसा सिला दिया

अब मुझे जीना नहीं सनम, यह ज़हर पीना नहीं सनम

अब मुझे जीना नहीं सनम, यह ज़हर पीना नहीं सनम

जनम जन्मों का नाता, चंद लम्हों में मिटा दिया

जनम जन्मों का नाता, चंद लम्हों में मिटा दिया

चंद लम्हों में मिटा दिया

तेरे वादे वह ईरादे, तेरे वादे वह इरादे

ओह साथी रे

सब कुछ भुला दिया, यह वफ़ा कैसा सिला दिया

सब कुछ भुला दिया, यह वफ़ा कैसा सिला दिया

कभी बंधन जुड़ा लिया, कभी दामन छुड़ा लिया

ओह साथी रे

कैसा सिला दिया, यह वफ़ा का, कैसा सिला दिया

कैसा सिला दिया यह वफ़ा का, कैसा सिला दिया

कैसा सिला दिया यह वफ़ा का, कैसा सिला दिया

ओह मितवा रे

सब कुछ भुला दिया, यह वफ़ा का, कैसा सिला दिया

सब कुछ भुला दिया यह वफ़ा कैसा सिला दिया

कैसा सिला दिया यह वफ़ा का कैसा सिला दिया

ओह मितवा रे

कैसा सिला दिया, यह वफ़ा का, कैसा सिला दिया

ओह मितवा रे

कैसा सिला दिया, यह वफ़ा का, कैसा सिला दिया ओह मितवा रे

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