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अनजाने हो तुम जो

बेगाने हो तुम जो

पहचाने लगते हो क्यूं

तुम ग़हरी नींदों में

जब सोए सोए हो

तोह मुझ में जागते हो क्यूँ

जब तुझ को पता है दिल मुस्कराता है

क्या तुझसे है वास्ता

क्या तुझ में ढूँढों में

क्या तुझसे चहु मैं

क्या क्या है तुझ में मेरा

जाणु न मैं

तुझ में मेरा

हिस्सा है क्या

पर अजनबी

अपना मुझे तू लगा

जाणु न मैं

तुझसे मेरा

रिश्ता है क्या

पर अजनबी

अपना मुझे तू लगा

तुझसे ताल्लुक जो नहीं कुछ मेरा

क्यों तू लगे है अपना सा

देखु जो तुझको इक नज़र जाए भर

मुझमे है मेरा जो खला

ज़िन्दगी में ख़ुशी तेरे आने से है

वरना जीने में ग़म

है यह अलग बात है हम मिले आज है

दिल तुझे जानता इक ज़माने से है

जाणु न मैं

तुझ में मेरा

हिस्सा है क्या

पर अजनबी

अपना मुझे तू लगा

जाणु न मैं

तुझसे मेरा

रिश्ता है क्या

पर अजनबी

अपना मुझे तू लगा

आँखों ने आँखों से कही दस्ता

तुमको बना के राजदा

बाहों में जन्नत आ रही खुशनुमा

तुम जो हुए हो मेहरबान

जिस्म से जिस्म का

क्यों उतारुफ़ हुआ

हो गए हम सनम

रुह तक असिना

आ एक ज़रा जो चले

दो कदम साथ में

मिल गया है हमे

ज़िन्दगी का पता

जाणु न मैं

तुझ में मेरा

हिस्सा है क्या

पर अजनबी

अपना मुझे तू लगा

जाणु न मैं

तुझसे मेरा

रिश्ता है क्या

पर अजनबी

अपना मुझे तू लगा

अनजाने हो तुम जो

बेगाने हो तुम जो

पहचाने लगते हो क्यूं

तुम ग़हरी नींदों में

जब सोए सोए हो

तोह मुझ में जागते हो क्यूँ

जब तुझ को पता है दिल मुस्कराता है

क्या तुझसे है वास्ता

क्या तुझ में ढूँढों में

क्या तुझसे चहु मैं

क्या क्या है तुझ में मेरा

जाणु न मैं

तुझ में मेरा

हिस्सा है क्या

पर अजनबी

अपना मुझे तू लगा

जाणु न मैं

तुझसे मेरा

रिश्ता है क्या

पर अजनबी

अपना मुझे तू लगा

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