मेरी इस चाहत से दूर मैं खोजता खुदी को दूर इन राहों में
खुदी को कोसते देख के आती हसी मुझे मेरी ही बातों पे
चढ़ा है तेरा फितूर
मुझी में मेरा गरूर
चढ़ा है तेरा फितूर
मुझी में मेरा गरूर
चढ़ा है तेरा फितूर
ये चाँद जब अत है सामने
तो लब भी तेरा ही नाम ले
तेरे हुसन का जादू तो जान ले
इन्ही बातों में फसते हैं चाँद के
कई रातें गवाई है जाग के
बातें तो करी है रात में
तेरी यादें अति हैं हर शाम में
तो जीते हैं उसी मुकाम में
आज ना जाने खड़े हैं किस मुकाम में
हम करीब नहीं पर हम साथ में
चढ़ा है तेरा फितूर
चढ़ा है तेरा फितूर
मुझी में मेरा गरूर
मुझी में मेरा गरूर
चढ़ा है तेरा फितूर
मुझी में मेरा गरूर
चढ़ा है तेरा फितूर
मुझी में मेरा गरूर
मेरी इस जात से मैं दूर खुश था
थोड़ी भी दूर ना रहा
खुदको कोस्टा देखे
अति है हसी मुझे मेरी ही बातों पे
चढ़ा है तेरा फितूर
मुझी में मेरा गरूर
चढ़ा है तेरा फितूर
मुझी में मेरा गरूर
चढ़ा है तेरा फितूर
मुझी में मेरा गरूर
चढ़ा है तेरा फितूर
मुझी में मेरा गरूर
चढ़ा है तेरा फितूर
मुझी में मेरा गरूर
चढ़ा है तेरा फितूर
मुझी में मेरा गरूर
चढ़ा है तेरा फितूर
चढ़ा है तेरा फितूर
मुझी में मेरा गरूर
मुझी में मेरा गरूर
चढ़ा है तेरा फितूर
मुझी में मेरा गरूर