मैं केवल तुम्हारे लिए गा रही हूँ
मैं केवल तुम्हारे लिए गा रही हूँ
क्षितिज पार की नील झंकार बनकर
मैं सतरंग सरगम लिए आ रही हूँ
लिए आ रही हूँ
मैं केवल तुम्हारे लिए गा रही हूँ
मैं केवल तुम्हारे...
सुनो मीत मेरे, कि मैं गीत ज्वाला
सुनो मीत मेरे, कि मैं गीत ज्वाला
तुम्हारे लिए हूँ मैं स्वर का उजाला
मैं लौ बन के, जल-जल...
मैं लौ बन के, जल-जल जिए जा रही हूँ
जिए जा रही हूँ
मैं केवल तुम्हारे लिए गा रही हूँ
मैं केवल तुम्हारे...
मैं ऊषा के मन की मधुर साध पहली
मैं ऊषा के मन की मधुर साध पहली
मैं संध्या के नैनों में सुधी हूँ सुनहली
सुगम कर अगम को...
सुगम कर अगम को मैं दोहरा रही हूँ
मैं दोहरा रही हूँ
मैं केवल तुम्हारे लिए गा रही हूँ
मैं केवल तुम्हारे...
मैं स्वरताल लय की हूँ लवलीन सरिता
मैं स्वरताल लय की हूँ लवलीन सरिता
मैं अनचीन्हे, अनजाने कवि की हूँ कविता
जो तुम हो वो मैं हूँ...
जो तुम हो वो मैं हूँ ये बतला रही हूँ
ये बतला रही हूँ
मैं केवल तुम्हारे लिए गा रही हूँ
मैं केवल तुम्हारे लिए गा रही हूँ
क्षितिज पार की नील झंकार बनकर
मैं सतरंग सरगम लिए आ रही हूँ
लिए आ रही हूँ
मैं केवल तुम्हारे लिए गा रही हूँ
मैं केवल तुम्हारे लिए गा रही हूँ