आज इबादत आज इबादत रूबरू हो गयी जो माँगी थी जो माँगी थी उस दुआ से गुफ्तगू हो गयी आ मेरे मौला, मेरे मौला मेरे मौला, मेरे मौला तेरा शुक्रिया आज इबादत रूबरू हो गयी दर्द के अंधेरो से आ गये उजालों में इश्क़ के चरगों का नूर है ख़यालों में दर्द के अंधेरो से आ गये उजालों में इश्क़ के चरगों का नूवर है ख़यालों में नज़रों से तेरी चाक दिल पे रफु हो गयी दिल पे रफु हो गयी धी ध नी ना नी न रे ग म मेरे मौला, मेरे मौला मेरे मौला, मेरे मौला तेरा शुक्रिया आज इबादत रूबरू हो गयी मेरे मौला, मेरे मौला मेरे मौला, मेरे मौला मेरे मौला.........
Aaj Ibaadat от Javed Bashir/A.M. Turaz/Altamash Faridi/Shadab Faridi - Тексты & Каверы