menu-iconlogo
huatong
huatong
Тексты
Записи
हो-हो हो-हो हो-हो हो-हो (हो-हो हो-हो हो-हो)

हिंदू तन-मन, हिंदू जीवन

रग-रग हिंदू मेरा परिचय

हिंदू तन-मन, हिंदू जीवन

रग-रग हिंदू मेरा परिचय

मैं शंकर का वो क्रोधानल

कर सकता जागती क्षार-क्षार

डमरू की वो प्रलय-ध्वनि हूँ

जिसमें नाचता भीषण संहार

हिंदू तन-मन, हिंदू जीवन

रग-रग हिंदू मेरा परिचय

हिंदू तन-मन, हिंदू जीवन

रग-रग हिंदू मेरा परिचय

हिंदू … हिंदू …. हिंदू मेरा परिचय

हो ओ ओ

रणचंडी की अतृप्त प्यास

मैं दुर्गा का उन्मत्त हास

मैं याँ की प्रलायंकार पुकार (मैं याँ की प्रलायंकार पुकार)

जलते मरघट का धुआँधार (जलते मरघट का धुआँधार)

मैं याँ की प्रलायंकार पुकार

जलते मरघट का धुआँधार

फिर अंतरिम की ज्वाला से

जागती में आग लगा डून मैं

यदि धड़क उठे जल, तल अम्बर

जड़, चेतन तो कैसा विस्मय

हिंदू तन-मन, हिंदू जीवन

रग-रग हिंदू मेरा परिचय

हिंदू तन-मन, हिंदू जीवन

रग-रग हिंदू मेरा परिचय

हिंदू … हिंदू … हिंदू … मेरा परिचय

हिंदू …हिंदू … हिंदू … मेरा परिचय

हिंदू

Еще от Kailash Kher/Amitraj/Shri Atal Bihari Vajpayee

Смотреть всеlogo

Тебе Может Понравиться