जय माता दी
माटी के मूर्ति से ताकेली मुस्काई के-2
त अजबे रूप सुहावन लागे दूर्गा माई के
माटी के मूर्ति से ताकेली मुस्काई के।
त अजबे रूप सुहावन लागे दुर्गा माई के।
आग खातिर आग बाड़ी पानी खाती पानी।
जे जैसे चाहे वइसे मिले माता रानी-2
छन में मईया सबकुछ देलि मांसाई के
त अजबे रूप सुहावन लागे दुर्गा माई के
इहे मन चाहे माई सालो भरी रहिती।
एक बेरी आईति त फिर नाही जईती-2
लोगवा भगिया जगावे दुवारा आई के
त अजबे रूप सुहावन लागे दुर्गा माई के।
जइसे बईठली मईया आके पंडाल में
अजबे के ऊर्जा पावे देखा प्यारे लाल में-2
खेसारी सबकुछ पवले देवी भजनिया गाइके
त अजबे रूप सुहावन लागे दुर्गा माई के।
माटी के मूर्ति से ताकेली मुस्काई के
त अजबे रूप सुहावन लागे दुर्गा माई के।