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Gahre Halke Halke Gahre Duniya

Kishore Da/Lata Jihuatong
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ग़हरे हलके हलके ग़हरे

छाये शाम के साए

धीरे धीरे हौले हौले

दिल की धड़कन गाये

तुम हो मैं हूँ और तन्हाईयां,

तन में जागी है अगड़ाईयां

ग़हरे हलके हलके ग़हरे

छाये शाम के साए

धीरे धीरे हौले हौले

दिल की धड़कन गाये

तुम हो मैं हूँ और तन्हाईयां,

तन में जागी है अगड़ाईयां

मौसम ये क्या नयी रीत है

मौसम ये क्या नयी रीत है

ठंडी हवाओ में संगीत है

पुरवा सन सन

ग़ुन्जे बन बन,

कोयल शोर मचाए

तुम हो मैं हूँ और तन्हाईयां,

धीमी धीमी है शहनाईयां

पलकों पे जैसे घटा छा गयी

पलकों पे जैसे घटा छा गयी

बाहों के घेरे में मैं आ गयी

बरखा धर धर

बरसे झर झर

मन में आग लगाये

तुम हो मैं हूँ और तन्हाईयां,

भीगी भीगी है परछाईयां

रंगीन दिल के फँसाने हुये

रंगीन दिल के फँसाने हुये

हम तुम तो जैसे दिवाने हुये

मेहकी मेहकी बहकी बहकी

रुत ने होश उड़ाये

तुम हो मैं हूँ और तन्हाईयां,

गुल्शन गुल्शन है रुस्वाईयां

ग़हरे हलके हलके ग़हरे

छाये शाम के साए

धीरे धीरे हौले हौले

दिल की धड़कन गाये

तुम हो मैं हूँ और तन्हाईयां,

तन में जागी है अगड़ाईयां.

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