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दिल को जाने क्या हुआ

मिलके अपना सा तू लगा

कैसे मैं करूँ बयां

तुमसे ये जुनून है या गुमान

ऐसे मुझे तुम मिले तुम मिले

जैसे कोई दिन खिले दिन खिले

जाने कहाँ हम चले हम चले

चाहे जो भी दिल करे दिल करे

जिस राह जिस राह भी जाऊं

तूझको तुझको ही चाहूँ

हमराह अब से मेरा तू

हमराह मैं भी तेरा हूँ

जिस राह जिस राह भी जाऊं

तूझको तुझको ही चाहूँ

हमराह अब से मेरा तू

हमराह मैं भी तेरा हूँ

एहसानमंद है दिल अब से ये तेरा

ये मर्ज़ कैसा है क्या नाम दूं बता

कोई जाने ना दूसरा

समझे तू ही मेरी ज़ुबा

मेने मुझसा दीवानापन

ऊ देखा ना कही तेरे सिवा

तुझसे दिन शुरू शामे ढले

अब तो नज़र से तू ना हटे

जितनी हे फुरसते फुरसते

देदु सारी मे तुझे तू मुझे

जिस राह जिस राह भी जाऊं

तूझको तुझको ही चाहूँ

हमराह अब से मेरा तू

हमराह मैं भी तेरा हूँ

जिस राह जिस राह भी जाऊं

तूझको तुझको ही चाहूँ

हमराह अब से मेरा तू

हमराह मैं भी तेरा हूँ

एहसानमंद है दिल अब से ये तेरा

ये मर्ज़ कैसा है क्या नाम दूं बता

डर की दीवारें टूटी

दिल का जहां दिखा है

आंखों ने आज देखा ख्वाबों का आसमां है

तेरा करता हूँ शुक्रिया

जिस राह जिस राह भी जाऊं

तूझको तुझको ही चाहूँ

हमराह अब से मेरा तू

हमराह मैं भी तेरा हूँ

जिस राह जिस राह भी जाऊं

तूझको तुझको ही चाहूँ

हमराह अब से मेरा तू

हमराह मैं भी तेरा हूँ

हमराह मैं भी तेरा हूँ

जिस राह जिस राह भी

एहसानमंद है दिल अब से ये तेरा(ओ ओ ओ ओ)

ये मर्ज़ कैसा है क्या नाम दूं बता(आ आ आ आ)

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