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खुदा भी जब तुम्हे मेरे पास देखता होगा

खुदा भी जब तुम्हे मेरे पास देखता होगा

इतनी अनमोल चीज़ दे दी कैसे, सोचता होगा

तू बे-मिसाल है, तेरी क्या मिसाल दू

आसमान से आई है, यही कह के टाल दू

फिर भी कोई जो पूछे, क्या है तू कैसी है

हाथों मे रंग लेके, हवा मे उछाल दू

(हवा में उछाल दू )

खुदा भी जब तुम्हे मेरे पास देखता होगा

इतनी अनमोल चीज़ दे दी कैसे, सोचता होगा!

जो भी ज़मीन तेरे पाओं तले आए

कदमों से छूके वो आसमान हो जाए

तेरे आयेज फीके फीके सारे शृंगार है

मैं तो क्या फरिश्ते भी तुझपे निस्सर हैं

गर्मी की शाम है तू, जाड़ों की धूप है

जीतने भी मौसम हैं, तेरे कर्ज़दार हैं

तेरे कर्ज़दार हैं

खुदा भी जब तेरे अंदाज़ देखता होगा

इतनी अनमोल चीज़ दे दी कैसे, सोचता होगा!

चेहरा है या जादू, रूप है या ख्वाब है

आँखें हैं या अफ़साना, जिस्म या किताब है

आजा तुझे मैं पढ़ लून, दिल में उतार लून

होठों से देखूं तुझे, आँखों से पुकार लून

ख्वाहिशें ये कहती हैं, कहती रहती हैं

लेके तुझे बाहों में शामें गुज़ार लून

शामें गुज़ार लून

खुदा भी अब तुझे दिन रात ढूंढता होगा

इतनी अनमोल चीज़ दे दी कैसे, सोचता होगा

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