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Dil Dhoondhata he

Mohan Kannanhuatong
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दिल ढूंढता है फिर वही(है फिर वही)

दिल ढूंढता है फिर वही

फ़ुर्सत के रात दिन

उससे मनवाए क्या

आए बस में जो नही

कैसे बुझे उसको हम

Syllabus में जो नही

बत्ती सी है तो हंस

बेबाश यूँ रू नही

कैसे बुझे उसको हम

Syllabus में जो नही

दिल ढूंढता है फिर वही

दिल ढूंढता है फिर वही

फ़ुर्सत के रात दिन

वो नसीब ये क्या किया

क्या किया

राह भर गुमराह किया

अरे तेरी तो कुंडली में सब है

मौके पे धोखा दिया

हाल आपना हो गया मजाकिया

Joker किस काम का

Circus में जो नही

कैसे बुझे उसको हम

Syllabus में जो नही

उससे मनवाए क्या

हैं बस में जो नही

कैसे बुझे उसको हम

Syllabus में जो नही

दिल ढूंढता है फिर वही

दिल ढूंढता है फिर वही

फ़ुर्सत के रात दिन

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