menu-iconlogo
huatong
huatong
avatar

Ramdoot

Narcihuatong
oo7lifehuatong
Тексты
Записи
श्री राम-राम, जय राम-राम

श्री राम-राम, जय राम-राम

श्री राम-राम, जय राम-राम

श्री राम-राम, जय राम-राम

(कौन हो तुम?)

जननी, मैं रामदूत हनुमान

जननी, मैं रामदूत हनुमान

चरण-कमल में शत्-शत् वंदन

कर दो, माँ, कल्याण

मिला है अवसर आज महान

जननी, मैं रामदूत...

माते, आगे सर झुका रामदूत का

लाँघ सागर आया वायु का ये पूत, हाँ

ऐसा दिन कोई गया नहीं, माते

प्रभु राम का हृदय पता आपका ना पूछता

देखी उनकी पीड़ा मैंने, देखा है एकाकीपन

गिरते उनके आँसू देखे जब भी करते आँखें बंद

होंठों पे वो हँसी लेके पीड़ा को छुपाते

आँखें उनकी बोलें, माना वो तो करते बातें कम

विरह को बताते वो, ना विरह को जताते

करना चाहते क़ाबू पर आँसू तो बह जाते

टूटे मेरे स्वामी, माता, सत्य बोलूँ आपसे

विरह की वो पीड़ा को किसी को ना दिखाते

पीड़ा की गहराई, माता, कैसे मैं बताऊँ?

रोते दिल की ध्वनि को मैं कैसे, हाँ, सुनाऊँ?

जानकी के बिना प्रभु कैसे जी रहे

व्यथा उनकी, माता, बोलो कैसे मैं दिखाऊँ

प्रभु ने उठाया था धनुष बड़ा भारी

राम जी के घर पहुँची जनक की दुलारी

हुआ था आदेश जब वन को, हाँ, जाने का

जानकी ने खींची साथ जाने की तैयारी

सोने का वो मृग और रावण का वो छल

पाया नहीं जानकी को, रोए रघुवर

लेके आया प्रभु की निशानी मैं तो, माते

दे दो मुझे शीश, आगे झुका मेरा सर

चमके कोटि सूर्य सम रघुवर

शीत चंद्र सी वाणी मधुकर

करके रावण हरण तुम्हारा

किया मृत्यु आह्वान

जननी, मैं रामदूत हनुमान

(मेरे स्वामी कुशलपूर्वक हैं ना?)

(और भैया लक्ष्मण?)

देता हूँ भरोसा मैं, स्वामी मेरे आएँगे

थोड़ी और देर, वो ये आँसू भी मिटाएँगे

वानरों की सेना नारे ज़ोर से लगाएगी

लंका पे पताका हम विजय का लहराएँगे

इंतज़ार, माता, माना बड़ा है कठोर

वाटिका में गूँजता है राक्षसों का शोर

घोर माना घड़ी, पर धर्म भी तो साथ है

टूट के भी लेंगे हम साहस को बटोर

धर्म को अधर्म भला हानी कैसे दे देगा?

दानवों का दल, माता, क्या ही हमें छेड़ेगा

राम की वो सेना भला क्या ही माते रोकेंगे

सके ना उठा पैर बाली के जो बेटे का

वीरों को गँवा के रावण को ना चैन

मृत्यु का रास्ता ही देखें उसके नैन

मौक़े उसे दिए पर, माता, वो ना माना

ज़्यादा करें प्रभु भी ना पापों को सहन

बातें जा के प्रभु को हैं मैंने भी बतानी

खोई उनकी हँसी मुझे आज है लौटानी

"मिला था मैं जानकी से", प्रभु को बताऊँगा

हाथ रखो दास के, हाँ, कोई तो निशानी

बातें जा के प्रभु को हैं मैंने भी बतानी

राम यदि जिह्वा हैं तो सिया उनकी वाणी

भूलेगी ना राम और सिया को ये धरा

आने वाले युग भी ये सुनेंगे कहानी

जननी, मैं रामदूत हनुमान

जननी, मैं रामदूत हनुमान

चरण-कमल में शत्-शत् वंदन

कर दो, माँ, कल्याण

मिला है अवसर आज महान

जननी, मैं रामदूत... (जटायु!)

करके रावण हरण तुम्हारा

करके रावण हरण तुम्हारा

किया मृत्यु आह्वान

जननी, मैं रामदूत हनुमान

जननी, मैं रामदूत हनुमान

जननी, मैं रामदूत हनुमान

(कौन हो तुम?)

(श्री राम का दूत, हनुमान)

Еще от Narci

Смотреть всеlogo

Тебе Может Понравиться