अपने भी पेश आये हमसे अजनबी
वक़्त की साजिश कोई समझा नहीं
अपने भी पेश आये हमसे अजनबी
वक़्त की साजिश कोई समझा नहीं
जी के फिर करना क्या मुझको ऐसी ज़िन्दगी
जी के फिर करना क्या मुझको ऐसी ज़िन्दगी
जिसने ज़ख्मो को ज़िंदगी भर गम दिए
ज़िन्दगी ने ज़िन्दगी भर गम दिए
जितने भी मौसम दिए सब नम दिए
ज़िन्दगी ने ज़िन्दगी भर गम दिए