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देखो देखो ये ग़रीबी

ये ग़रीबी का हाल

कृष्ण के दर पे

विशवास ले के आया हूँ

मेरे बचपन का यार है मेरा श्याम

यही सोच कर मै आस कर के आया हूँ

अरे द्वारपालो

कन्हैया से कह दो

अरे द्वारपालो

उस कन्हैया से कह दो

के दर पे सुदामा

ग़रीब आ गया है

हाँ...भटकते भटकते

ना जाने कहाँ से

भटकते भटकते

ना जाने कहाँ से

तुम्हारे महल के

क़रीब आ गया है

हे...अरे द्वारपालो

कन्हैया से कह दो

के दर पे सुदामा

ग़रीब आ गया है

होये ना सर पे है पगडी

ना तन पे है जामा

बता दो कन्हैया को

नाम है सुदामा हाँ....

ना तन पे है जामा

बता दो कन्हैया को नाम है सुदामा

हो...ना सर पे है पगडी

ना तन पे है जामा

बता दो कन्हैया को

नाम है सुदामा हो...

बस, इक बार मोहन

से जा कर के कह दो

तुम इक बार मोहन

से जा कर के कह दो

के मिलने सखा बद‍, नसीब आ गया है

हाँ...अरे द्वारपालो

कन्हैया से कह दो

के दर पे सुदामा

ग़रीब आ गया है

सुनते ही दौड़े

चले आये मोहन

लगाया गले से

सुदामा को मोहन हाँ....

ओ सुनते ही दौड़े

चले आये मोहन

लगाया गले से

सुदामा को मोहन हाँ....

सुनते ही दौड़े

चले आये मोहन

लगाया गले से

सुदामा को मोहन हाँ....

हुआ रुकमणी को

बहुत ही अचंभा

हुआ रुकमणी को

बहुत ही अचंभा

ये मेहमान कैसा

अजीब आ गया है

हाँ...अरे द्वारपालो

कन्हैया से कह दो

के दर पे सुदामा

ग़रीब आ गया है

और बराबर पे अपने

सुदामा बिठाये

चरण आँसुओं से

श्याम ने धुलाये हाँ....

बराबर पे अपने

सुदामा बैठाये

चरण आँसुओं से

श्याम ने धुलाये हाँ....

बराबर पे अपने

सुदामा बिठाये

चरण आँसुओं से

प्रभु ने धुलाये हाँ....

ना, ना घबराओ प्यारे

ज़रा तुम सुदामा

ना घबराओ प्यारे

ज़रा तुम सुदामा

ख़ुशी का समा तेरे

क़रीब आ गया है

अरे द्वारपालो

कन्हैया से कह दो

के दर पे सुदामा

ग़रीब आ गया है

के दर पे सुदामा

ग़रीब आ गया है

भटकते भटकते

ना जाने कहाँ से

भटकते भटकते

ना जाने कहाँ से

तुम्हारे महल के

क़रीब आ गया है

ख़ुशी का समा तेरे

क़रीब आ गया है

तुम्हारे महल के

क़रीब आ गया है

ख़ुशी का समा तेरे

क़रीब आ गया है

राधे कृष्ण

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