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ek mein aur ek tu by randeep

Randeep/Geethuatong
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एक मैं, और एक तू

दोनों मिले इस तरह

एक मैं, और एक तू

दोनों मिले इस तरह

और जो तन-मन में हो रहा है

ये तो होना ही था

एक मैं, और एक तू

दोनों मिले इस तरह

एक मैं, और एक तू

दोनों मिले इस तरह

और जो तन-मन में हो रहा है

ये तो होना ही था

यूँ नहीं मिलते हैं यार, यार से

दे मुझे प्यार का जवाब, प्यार से

धड़कनें हुई जवाँ, वक़्त भी है मेहरबाँ

फिर ये कैसी दूरियाँ?

बोलो, बोलो, बोलो, बोलो, बोलो

एक मैं, और एक तू

दोनों मिले इस तरह

हो, एक मैं, और एक तू

दोनों मिले इस तरह

और जो तन-मन में हो रहा है

ये तो होना ही था

हो, दूरियाँ वक़्त आने पे मिटायेंगे

एक दिन, इतना पास-पास आयेंगे

इंतज़ार तब तलक

बेक़रार तब तलक

यूँ ही प्यार तब तलक

बोलो, बोलो, बोलो, बोलो, बोलो, बोलो

एक मैं, और एक तू

दोनों मिले इस तरह

हाँ, एक मैं, और एक तू

दोनों मिले इस तरह

और जो तन-मन में हो रहा है

ये तो होना ही था

दिल्लगी, बन गयी है दिल की लगी

हे, ज़िंदगी, नाम है इसी का ज़िंदगी

हो, खेल-खेल में, सनम

आ गये जहाँ पे हम

रोक ले वहीं कदम

बोलो, बोलो, बोलो, बोलो, बोलो, बोलो

एक मैं, और एक तू

दोनों मिले इस तरह

एक मैं, और एक तू

दोनों मिले इस तरह

और जो तन-मन में हो रहा है

ये तो होना ही था

तो होना ही था

ये तो होना ही था

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