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Sai Digambara

Ravindra Sathehuatong
minkeye37huatong
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ऐसा येई बा साई दिगंबरा साई दिगंबरा

अक्षयरूप अवतारा सर्वही व्यापक तू

श्रुतिसारा अनुसया त्रिकुमारा ऐसा येईबा

दिगंबरा साई दिगंबरा

अक्षयरूप अवतारा सर्वही व्यापक तू

श्रुतिसारा अनुसया त्रिकुमारा ऐसा येईबा

काशी स्नान जप प्रतिदिवशी

कोल्हापुर भिक्षेसि निर्मल नदीतुंगा

जल प्राशी निद्रा माहुर देशी ऐसा येईबा

दिगंबरा साई दिगंबरा

अक्षयरूप अवतारा सर्वही व्यापक तू

श्रुतिसारा अनुसया त्रिकुमारा ऐसा येईबा

झोळी लोंबतसे वाम करी

त्रिशुल डमरू धारी भक्ता वरद सदा

सुखकारी देशील मुक्ति चारि ऐसा येईबा

दिगंबरा साई दिगंबरा

अक्षयरूप अवतारा सर्वही व्यापक तू

श्रुतिसारा अनुसया त्रिकुमारा ऐसा येईबा

पायी पादुका जपमाला

कमंडलू मृगछाला धारण करिशि बा

नागजटा मुगट शोभतो माथा ऐसा येईबा

दिगंबरा साई दिगंबरा

अक्षयरूप अवतारा सर्वही व्यापक तू

श्रुतिसारा अनुसया त्रिकुमारा ऐसा येईबा

तत्पर तुझ्या या जे ध्यानी

अक्षय त्यांचे सदानि लक्ष्मी वास करी

दिनरजनी रक्षिसि संकट वारुनि ऐसा येईबा

दिगंबरा साई दिगंबरा

अक्षयरूप अवतारा सर्वही व्यापक तू

श्रुतिसारा अनुसया त्रिकुमारा ऐसा येईबा

सुंदर ध्यान तुझे गुरुराया

दृश्य करी नयना या पूर्णा नंद सूखे

ही काया लाविसि हरीगुण गाया ऐसा येईबा

दिगंबरा साई दिगंबरा

अक्षयरूप अवतारा सर्वही व्यापक तू

श्रुतिसारा अनुसया त्रिकुमारा ऐसा येईबा

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