menu-iconlogo
huatong
huatong
avatar

Dil Ki Purani (Unplugged)

Samidh Mukherjeehuatong
Тексты
Записи
ना साँसो से शिकवा, ना मिटने का डर है

तुझी से, तुझी तक ये मेरा सफ़र है

तुझे सोचता हूँ तो खुशबू सी बरसे

अँधेरों से मेरे उजाले यूँ छलके

के दरिया बहे जैसे एक नूर का

तू रूह का हमनवा है

ये जिस्मों का रिश्ता नहीं

मुझे थाम कर चल रहा है

तू ही बस, तू ही हर कहीं

दिल की पुरानी सड़क पर

बदला तो कुछ भी नहीं

मुझे थाम कर चल रहा है

तू ही बस, तू ही हर कहीं

Еще от Samidh Mukherjee

Смотреть всеlogo

Тебе Может Понравиться