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क्या है ये तो फिर से

वैसे का वैसा ही हो गया

खुद को ढूंढ़ने गया था

खुद ही लापता हो गया

क्या है ये तो फिर से

वैसे का वैसा ही हो गया

खुद को ढूंढ़ने गया था

खुद ही लापता हो गया

क्या है ये तो फिर से

वैसे का वैसा ही हो गया

सामने मुझे कुछ न दिखें

और बाहर कैसे कोई तो बतायें

अंधेरा चारो तरफ मेरे

अब घर मेरा है या नहीं कोई तो बतायें

निकल तो आउंगा मैं यहां से

निकल तो आउंगा माई

जज्बा है मेरा मेरे साथ

निकल तो आउंगा माई

बस ये मत कहना के ये तो गरीब था,

बस ये मत कहना ये तो फकीर था,

कि इस्का मुक्कदर बन गया

क्या है (लापता, लापता, लापता)

खुद को ढूंढ़ने गया था

खुद ही लापता हो गया

Еще от Shivansh Jindal/Anshuman sharma

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