menu-iconlogo
huatong
huatong
avatar

Kashmakash

superdupersultanhuatong
bailarddrawhuatong
Тексты
Записи
कोई उमीद वर नही आती हे

मुहब्बत भी मौत की बाज़ी हे

लगा क बेता हौं खुद को में

अब तो ब्स आस ही बाकी हे

भटका मे मंज़िल सेझे खुद मे ही खुद की तलाश हे

कितना अजीब मे भी मुनफ़ीक़ो सेझे आस हे

गवाँ दिया हे ज़्ब क्च जो तेरे पास हे

इसी कशमकश मे मुबतिला हम आज हाइन

अब कोई आस ना बाकी

अब कोई खास ना बाकी

जीते जी मेरचुके हाइन

एसए जेसे एहसास ना बाकी

बेते उमीद से कभी हम

अब नौमीद ही सही हम

कभी तो ख़ास था मेरा

अब तेरे मुरीद ही नही हम

अब हम क़सूरवार या ना भी

घुस्सा, एतबार या माफी

या त्म बेज़ार थे काफ़ी

हम घफ़िल ज़माने से पीते रहे

हम पथेर क डिल लेकेर जेटे रहे

ज़ख़्म मिलते गए ओर हम सीटे रहे

फ्र भी शिकवे त्ंहे ज़्ब हम ही से रहे

भटका मे मंज़िल सेझे खुद मे ही खुद की तलाश हे

कितना अजीब मे भी मुनफ़िक़ो से झे आस हे

गवाँ दिया हे ज़्ब क्च जो तेरे पास हे

इसी कशमकश मे मुबतिला हम आज हाइन

हम सताए भत थे

त्म याद आए भत थे

पर मान क डिल का कहा

हम पश्ताए बहुत थे

तेरे शहेर मे तो घेर मे भी

तपती डोफेर मे भी

तेरी बा’दुआ मे असेर नही

या शिफा थी तेरे दिए होये ज़हेर मे भी

ज़िंदगी गुज़ारनी ही ह्यूम ना थी

गुज़रदी गए एसए जेसे दी गए बा’दुआ थी

त्म दघा कर गए हो सम्भहाल ना सकोगे

इस दुनिया क रंगो मे ढाल ना सकोगे

त्म मनलो जानना हे खसलत पुरानी

त्म चाह क भी खुद को बदल ना सकोगे

भटका मे मंज़िल से ँझे खुद मे ही खुद की तलाश हे

कितना अजीब मे भी मुनफ़ीक़ो से ँझे आस हे

गवाँ दिया हे ज़्ब क्च जो तेरे पास हे

इसी कशमकश मे मुबतिला हम आज है

Еще от superdupersultan

Смотреть всеlogo

Тебе Может Понравиться