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राही मतवाले, तू छेड़ इक बार, मन का सितार

तलत महमूद साहब सुरैया जी

राही मतवाले,

तू छेड़ इक बार, मन का सितार

जाने कब चोरी चोरी आई है बहार

छेड़ मन का सितार

राही मतवाले,

तू छेड़ इक बार, मन का सितार

जाने कब चोरी चोरी आई है बहार

छेड़ मन का सितार

राही मतवाले

देख देख चकोरी का मन हुआ चंचल

चंदा के मुखड़े पे बदली का आँचल

देख देख चकोरी का मन हुआ चंचल

चंदा के मुखड़े पे बदली का आँचल

कभी छुपे, कभी खिले, रूप का निखार,

खिले रूप का निखार

राही मतवाले

कली कली चूम के पवन कहे खिल जा aa

कली कली चूम के,

खिली कली भँवरे से कहे आ के मिल जा

आ पिया मिल जा, कली कली चूम के

दिल ने सुनी कहीं दिल की पुकारrr

दिल ने सुनी कहीं दिल की पुकार

कहीं दिल की पुकार

राही मतवाले,

रात बनी दुल्हन भीगी हुई पलकें

भीनी भीनी ख़ुशबू से सागर छलके

रात बनी दुल्हन भीगी हुई पलकें

भीनी भीनी ख़ुशबू से सागर छलके

ऐसे में नैना से

नैना हों चार

ज़रा नैना हो चार

राही मतवाले, तू छेड़ इक बार, मन का सितार

जाने कब चोरी चोरी आई है बहार

छेड़ मन का सितार

राही मतवाले

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