menu-iconlogo
huatong
huatong
avatar

Yeh Arzoo Thi Tujhe

Ustad Amanat Ali Khanhuatong
yun780313huatong
Тексты
Записи
ये आरजू थी तुझे गुल के रूबरू करते

ये आरजू थी तुझे गुल के रूबरू करते

हम ओर बुलबुले बेताब गुफ्तगू करते

ये आरजू

पयामबर ना मयस्सर हुआ तो खूब हुआ

पयामबर ना मयस्सर हुआ तो खूब हुआ

जबान-गैर से क्या आशरहे आरज़ू करते

ये आरजू

मेरी तरह से माह मेहर भी है आवारा

मेरी तरह से माह मेहर भी है आवारा

किसी हबीब की ये भी है जुस्तुजू करते

ये आरजू थी

ना पूछ आलम-ए-बर्दाश्ता तालई आतिश

ना पूछ आलम-ए-बर्दाश्ता तालई आतिश

बरसती आग जो बारा की आरजू करते

ये आरजू थी तुझे गुल के रूबरू करते

ये आरजू थी

ये आरजू ये आरजू

Еще от Ustad Amanat Ali Khan

Смотреть всеlogo

Тебе Может Понравиться