menu-iconlogo
huatong
huatong
avatar

dopalruka

Veer-Zaarahuatong
AmarSrivastava629huatong
Тексты
Записи
दो पल रुका खवाबों का कारवां

और फिर चल दिए तुम कहाँ हम कहाँ

दो पल की थी ये दिलों की दास्ताँ

और फिर चल दिए तुम कहाँ हम कहाँ

और फिर चल दिए तुम कहाँ हम कहाँ..

तुम थे की थी कोई उजली किरण

तुम थे या कोई कलि मुस्काई थी

तुम थे या था सपनों का था सावन

तुम थे की खुशियों की घटा छायी थी

तुम थे के था कोई फूल खिला

तुम थे या मिला था मुझे नया जहां

दो पल रुका खवाबों का कारवाँ

और फिर चल दिए तुम कहाँहम कहाँ

दो पल की थी ये दिलों की दास्ताँ

और फिर चल दिए तुम कहाँ हम कहाँ

और फिर चल दिए तुम कहाँ हम कहाँ..

आ आ.. आ…

तुम थे या ख़ुशबू हवाओं में थी

तुम थे या रंग सारी दिशाओं में थे

तुम थे या रौशनी राहों में थी

तुम थे या गीत गूंजे फिजाओं में थे

तुम थे मिले या मिली थी मंजिलें

तुम थे के था जादू भरा कोई समां

दो पल रुका खवाबों का कारवां

और फिर चल दिए तुम कहाँ हम कहाँ

दो पल की थी ये दिलों की दास्ताँ

और फिर चल दिए तुम कहाँ हम कहाँ

Еще от Veer-Zaara

Смотреть всеlogo

Тебе Может Понравиться