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huatong
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मान के झरोखे तो बंद थे

आया वो अंदर कहाँ से

ठहरी हुई एक नदी में

आया ये कंकर कहाँ से

हो, मैं तो बौरा गया हाए

पागला गया काहे जागूं सारी रात ना पूछो जी

जात ना पूछो जी, प्रेम की

जात ना पूछो जी, प्रेम की

जात ना पूछो जी

हू, तू है सवेरे का सपना

ये सपना बदलना है मुश्किल

दिल से निकल जाए धड़कन

तेरा निकलना है मुश्किल

मर जाना है पर जाना नही

एक पल भी तुझसे दूर मुझे

ये इश्क़ हँसी दे या आँसू

अब दोनो ही मंजूर मुझे

दोनो ही मंजूर मुझे दोनो ही मंजूर

पानी वो बहता पानी

क्या नाम उसका बताउ

मैं बिक गयी जिसके हाथों

क्या मोल उसका लगाउ

हू, जियरा में गड़े

तीर काजल भरे

नैना कर गये कैसी घाट ना पूछो जी

जात ना पूछो जी, प्रेम की

जात ना पूछो जी, प्रेम की

जात ना पूछो जी

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