क्या कहूँ, दुनिया ने किया, मुझ से कैसा बैर
क्या कहूँ, दुनिया ने किया, मुझ से कैसा बैर
हुकम था, मैं जियूं, लेकिन तेरे बग़ैर
नादाँ है वह, कहते हैं जो, मेरे लिए तुम हो ग़ैर
कितने सितम, हमपे सनम, लोगों ने किये
दिल में मगर, जलते रहे, चाहत के दिए
तेरे लिए, तेरे लिए
तेरे लिए, हम हैं जिए, होंठों को सीए
तेरे लिए, हम हैं जिए, हर आंसों पिए
दिल में मगर, जलते रहे, चाहत के दिए
तेरे लिए, तेरे लिए
तेरे लिए, तेरे लिए
तेरे लिए, तेरे लिए