मै शायर हु तो तुम शायरी
मै गहरी सास हु तो तुम ज़िंदगी
मै गरावाज़ हूँ तो तुम मोस्की
मै जब भी मै हु तो तुम बेखुदी
दुनिया ये सारी से ज़्यादा हो तुम
खुशियों से जोड़े वो धागा हो तुम
तुम हो तो राहत कम है ये गम
तूम हो तो खुद से भी ज़्यादा है हम
तुम हो तो तुम हो तो
रूह है नरम सी
तुम हो तो तुम हो तो
पुरे है हम भी