तुझसे मिलने को कभी यार ज़रूर अवँगा तुझसे मिलने को कभी यार ज़रूर अवँगा अवँगा अवँगा एक बार ज़रूर अवँगा तुझसे मिलने को यार घूमखार कोई गुस्सा ना पाया मैने ज़िंदगी में तुझे दोस्त बनाया मैने कभी समझा ही नही तुझको पाया मैने ना संज था की तुझे दिल से भुलाया मैने तुझसे मिलने को कभी यार ज़रूर अवँगा तुझसे मिलने को आए मेरे दोस्त तेरी चस्में मुरब्बत की कसम तुझको भुला नही मैं अपनी मोहब्बत की कसम सबे फुरकत की कसम रोज मुसीबत की कसम तेरी उलफत की कसम तेरी इनायत की कसम तुझसे मिलने को कभी यार ज़रूर अवँगा तुझसे मिलने को तू जहाँ पर भी रहें खुश रहे आबाद रहें ज़िंदगी भर घुमओ आलम से आज़ाद रहें तू सलामत रहें मसरूर रहें स्याग रहें पारसा तुझको ना भूलेगा कभी याद रहें तुझसे मिलने को कभी यार ज़रूर अवँगा अवँगा अवँगा एक बार ज़रूर अवँगा तुझसे मिलने को.
तुझसे मिलने को कभी यार ज़रूर अवँगा तुझसे मिलने को कभी यार ज़रूर अवँगा अवँगा अवँगा एक बार ज़रूर अवँगा तुझसे मिलने को यार घूमखार कोई गुस्सा ना पाया मैने ज़िंदगी में तुझे दोस्त बनाया मैने कभी समझा ही नही तुझको पाया मैने ना संज था की तुझे दिल से भुलाया मैने तुझसे मिलने को कभी यार ज़रूर अवँगा तुझसे मिलने को आए मेरे दोस्त तेरी चस्में मुरब्बत की कसम तुझको भुला नही मैं अपनी मोहब्बत की कसम सबे फुरकत की कसम रोज मुसीबत की कसम तेरी उलफत की कसम तेरी इनायत की कसम तुझसे मिलने को कभी यार ज़रूर अवँगा तुझसे मिलने को तू जहाँ पर भी रहें खुश रहे आबाद रहें ज़िंदगी भर घुमओ आलम से आज़ाद रहें तू सलामत रहें मसरूर रहें स्याग रहें पारसा तुझको ना भूलेगा कभी याद रहें तुझसे मिलने को कभी यार ज़रूर अवँगा अवँगा अवँगा एक बार ज़रूर अवँगा तुझसे मिलने को.
तुझसे मिलने को कभी यार ज़रूर अवँगा तुझसे मिलने को कभी यार ज़रूर अवँगा अवँगा अवँगा एक बार ज़रूर अवँगा तुझसे मिलने को यार घूमखार कोई गुस्सा ना पाया मैने ज़िंदगी में तुझे दोस्त बनाया मैने कभी समझा ही नही तुझको पाया मैने ना संज था की तुझे दिल से भुलाया मैने तुझसे मिलने को कभी यार ज़रूर अवँगा तुझसे मिलने को आए मेरे दोस्त तेरी चस्में मुरब्बत की कसम तुझको भुला नही मैं अपनी मोहब्बत की कसम सबे फुरकत की कसम रोज मुसीबत की कसम तेरी उलफत की कसम तेरी इनायत की कसम तुझसे मिलने को कभी यार ज़रूर अवँगा तुझसे मिलने को तू जहाँ पर भी रहें खुश रहे आबाद रहें ज़िंदगी भर घुमओ आलम से आज़ाद रहें तू सलामत रहें मसरूर रहें स्याग रहें पारसा तुझको ना भूलेगा कभी याद रहें तुझसे मिलने को कभी यार ज़रूर अवँगा अवँगा अवँगा एक बार ज़रूर अवँगा तुझसे मिलने को.
तुझसे मिलने को कभी यार ज़रूर अवँगा तुझसे मिलने को कभी यार ज़रूर अवँगा अवँगा अवँगा एक बार ज़रूर अवँगा तुझसे मिलने को यार घूमखार कोई गुस्सा ना पाया मैने ज़िंदगी में तुझे दोस्त बनाया मैने कभी समझा ही नही तुझको पाया मैने ना संज था की तुझे दिल से भुलाया मैने तुझसे मिलने को कभी यार ज़रूर अवँगा तुझसे मिलने को आए मेरे दोस्त तेरी चस्में मुरब्बत की कसम तुझको भुला नही मैं अपनी मोहब्बत की कसम सबे फुरकत की कसम रोज मुसीबत की कसम तेरी उलफत की कसम तेरी इनायत की कसम तुझसे मिलने को कभी यार ज़रूर अवँगा तुझसे मिलने को तू जहाँ पर भी रहें खुश रहे आबाद रहें ज़िंदगी भर घुमओ आलम से आज़ाद रहें तू सलामत रहें मसरूर रहें स्याग रहें पारसा तुझको ना भूलेगा कभी याद रहें तुझसे मिलने को कभी यार ज़रूर अवँगा अवँगा अवँगा एक बार ज़रूर अवँगा तुझसे मिलने को.
Ahmed & Mohammed Hussain/Ustad Mohammed Hussain'dan Daha Fazlası