
Mehki Is Raat Mein
सुहानी शाम है
और एक मोड़ है
चुप, चुपसा
दिल में क्यों शोर है
गीली पत्तियां
पे बैठी ओस है
टिप, टिप-सा
बूँदें करे शोर है
आँखें मीचके
शरमाने मैं लगी
लब पे खुशी
बिच्छाने मैं लगी
हवा से खुश्बुआएं
चुराने मैं लगी
महकी इस रात में
आँखें मीचके
शरमाने मैं लगी
लब पे खुशी
बिच्छाने मैं लगी
हवा से खुश्बुआएं
चुराने मैं लगी
महकी इस रात में
तारों को हटा दू
हथेलियों से मैं
भरूं आसमान को
पहेलियों से मैं
बूँदें हन भरके मैं
चाँद को भीगा दू
कर लूँ शैतानियाँ ज़रा
परियों साथ खेलु
सहेलियों-सी मैं
च्छुपीन बादलों की
हवेलियों में मैं
सूरज को मैं
तिल्लियों से जला दू
कर लूँ शैतानियाँ ज़रा
आँखें मीचके
शरमाने मैं लगी
लब पे खुशी
बिच्छाने मैं लगी
हवा से खुश्बुआएं
चुराने मैं लगी
महकी इस रात में
आँखें मीचके
शरमाने मैं लगी
लब पे खुशी
बिच्छाने मैं लगी
हवा से खुश्बुआएं
चुराने मैं लगी
महकी इस रात में
सुहानी शाम है
और एक मोड़ है
चुप, चुपसा
दिल में क्यों शोर है
गीली पत्तियां
पे बैठी ओस है
टिप, टिप-सा
बूँदें करे शोर है
Ananya Sritam Nanda/Yug Bhusal, Mehki Is Raat Mein - Sözleri ve Coverları