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HAMSE KA BHOOL HUYI

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Şarkı Sözleri
हमसे का भूल हुई जो ये सज़ा हमका मिली

हमसे का भूल हुई जो ये सज़ा हमका मिली

अब तो चारों ही तरफ़ बंद है दुनिया की गली

हमसे का भूल हुई जो ये सज़ा हमका मिली

दिल किसी का न दुखे हमने बस इतना चाहा

पाप से दूर रहे झूठ से बचना चाहा

पाप से दूर रहे झूठ से बचना चाहा

उसका बदला ये मिला उलटी छुरी हमपे चली

अब तो चारों ही तरफ़ बंद है दुनिया की गली

हमसे का भूल हुई जो ये सज़ा हमका मिली

हमपे इलज़ाम ये है चोर को क्यूँ चोर कहा

क्यूँ सही बात कही काहे न कुछ और कहा

क्यूँ सही बात कही काहे न कुछ और कहा

ये है इनसाफ़ तेरा वाह रे दाता की गली

अब तो चारों ही तरफ़ बंद है दुनिया की गली

हमसे का भूल हुई जो ये सज़ा हमका मिली

अब तो इमान धरम की कोई कीमत ही नहीं

जैसे सच बोलने वालों की ज़रूरत ही नहीं

जैसे सच बोलने वालों की ज़रूरत ही नहीं

ऐसी दुनिया से तो दुनिया तेरी वीरान भली

अब तो चारों ही तरफ़ बंद है दुनिया की गली

हमसे का भूल हुई जो ये सज़ा हमका मिली

हमसे का भूल हुई जो ये सज़ा हमका मिली

Anwar Hussain, HAMSE KA BHOOL HUYI - Sözleri ve Coverları