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Hota Raha Tera Bayan

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Şarkı Sözleri
प्रस्तुति - राकेश कुमार

सईद राही जी की ग़ज़ल

मूल स्वर - श्री घनश्याम वासवानी जी

होता रहा तेरा ही बयाँ चौदहवीं की रात

होता रहा तेरा ही बयाँ चौदहवीं की रात

उठता रहा दिलों से धुंआ चौदहवीं की रात

होता रहा तेरा ही बयाँ चौदहवीं की रात

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बिखरी हुई थी चांदनी हरसू थी रौशनी

बिखरी हुई थी चांदनी हरसू थी रौशनी

तारीख था मेरा ही मक़ां चौदहवीं की रात

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कब अहले शहर रखते हैं दिन रात का हिसाब

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कब अहले शहर रखते हैं दिन रात का हिसाब

सब के नसीब में है कहाँ चौदहवीं की रात

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आया है बेनक़ाब कोई बज़्मे नाज़ में

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आया है बेनक़ाब कोई बज़्मे नाज़ में

होने लगी है और जवाँ चौदहवीं की रात

होता रहा तेरा ही बयाँ चौदहवीं की रात

उठता रहा दिलों से धुंआ चौदहवीं की रात

होता रहा तेरा ही बयाँ चौदहवीं की रात

Ghanshyam Vaswani, Hota Raha Tera Bayan - Sözleri ve Coverları