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huatong
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Şarkı Sözleri
Kayıtlar
दूर मैं कितनी दूर चलता रहा हूँ

धीमे धीमे सही, खुद से ही मैं मिलता रहा हूँ

मंज़िल जाने कौनसी दिल ढूंढे है हर कहीं

सारे अंधेरों से परे ले जाएगी ये रोशनी

हसरत, मुकद्दर, मंज़र दिखाए

ले जाएँ मुझे ये तकदीरें कहाँ

जानूँ ना ही खुशियाँ, ना गम के साए

छुपाएँ मुझे जो, ये राहें सिखा जाएँ

खुद के सवालों से, उनके जवाबों में

खोया था तू यूँ सदा

खाली खाली रातों में, ख्वाबों को पिंजरों से

लेकर है तू उड़ चला

इतनी दूर आ गया

अब खुद से भी मिल लूँ ज़रा

तारें बने राही में ही

ग़र सुन ले ये दिल की सदा

हसरत, मुकद्दर, मंज़र दिखाए (हसरत, मुकद्दर, मंज़र दिखाए)

ले जाएँ मुझे ये तकदीरें कहाँ

जानूँ ना ही खुशियाँ, ना गम के साए

छुपाएँ मुझे जो, ये राहें सिखा जाएँ (छुपाएँ मुझे जो, ये राहें सिखा जाएँ)

Isheta Sarckar/Harish Moyal/Smit/Archit'dan Daha Fazlası

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