कहाँ मोर चूड़ी, बिंदिया?
अरे, कल-कल-कल-कल पक्का, कल पक्का
चाँद से चोराए लेबूँ चाँदनी रे
सूरज से माइंग लेबूँ रोशनी रे
मोएँ तो सजाए देबूँ तोर रूप के
गुइया, तोएँ ना रे ना गोस्सा मानबे
गुइया, तोएँ ना रे ना गोस्सा मानबे
चाँद से चोराए लेबूँ चाँदनी रे
सूरज से माइंग लेबूँ रोशनी रे
मोएँ तो सजाए देबूँ तोर रूप के
गुइया, तोएँ ना रे ना गोस्सा मानबे
गुइया, तोएँ ना रे ना गोस्सा मानबे
तोर जइसन कोई नहीं, एरे सुंदरिया
लाखों में एक तोएँ लागिस ला गोरिया
तोर जइसन कोई नहीं, एरे सुंदरिया
लाखों में एक तोएँ लागिस ला गोरिया
तोके पिंधाए देबबूँ चूड़ी-कंगना
गुइया, तोएँ ना रे ना गोस्सा मानबे
गुइया, तोएँ ना रे ना गोस्सा मानबे
१६ सिंगार से तोके सजाए के
ले जाबूँ तोके, गोरी, दुल्हिन बनाए के
१६ सिंगार से तोके सजाए के
ले जाबूँ तोके, गोरी, दुल्हिन बनाए के
बइन जाबूँ मोएँ सचे तोर सजना
गुइया, तोएँ ना रे ना गोस्सा मानबे
गुइया, तोएँ ना रे ना गोस्सा मानबे
चाँद से चोराए लेबूँ चाँदनी रे
सूरज से माइंग लेबूँ रोशनी रे
मोएँ तो सजाए देबूँ तोर रूप के
गुइया, तोएँ ना रे ना गोस्सा मानबे
गुइया, तोएँ ना रे ना गोस्सा मानबे
गुइया, तोएँ ना रे ना गोस्सा मानबे
गोरी, तोएँ ना रे ना गोस्सा मानबे