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Mere Paas Tum Raho

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بول
मैं जब जहां जाऊं

तुम्हें साथ ही पाऊं

तुमसे अलग राधे

कैसे मैं रह पाऊं

मेरे पास तुम रहो

मेरे पास ही रहो

राधे पास तुम रहो

मेरे पास ही रहो

मेरे पास तुम रहो

मेरे पास ही रहो

राधे पास तुम रहो

मेरे पास ही रहो

मेरी देह में, मेरे प्राण में

मेरी बांसुरी की तान में

मेरी देह में, मेरे प्राण में

मेरी बांसुरी की तान में

तुम ही तो हो हर श्वास में

मन के अटल विश्वास में

हर क्षण तुम्हारा ही

बस नाम दोहराऊं

तुम से अलग राधे

कैसे मैं रह पाऊं

मेरे पास तुम रहो

मेरे पास ही रहो

राधे पास तुम रहो

मेरे पास ही रहो

मेरे पास तुम रहो

मेरे पास ही रहो

राधे पास तुम रहो

मेरे पास ही रहो

जा रे जा रे

नटखट कृष्ण कन्हाई

काहे ओ रे कान्हा तूने मुरली

बजाई बजाई बजाई

जब ये मुरलिया बाजे

मन का मयूरा नाचे

मुझसे रहा ना जाये

कोई जोर चल ना पाये

बावरी सी मैं हो जाऊं

सांवरी सी तेरी सूरत पे

ओ रे कान्हा रे

Mere Paas Tum Raho بذریعہ Ambika Devi/Bharat Kamal/Mohit Lalwani/Prateeksha Srivastava - بول اور کور