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Subah

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بول
आधी सी बातों में पूरेपन सी तू आएगी

सुबह की लाली में कोई रंग नया लाएगी

आएगी, तू मेरे ख़ालीपन में तू आएगी

कानों में हौले से कोई धुन सुनाएगी

मिलने की फ़ुर्सत नहीं है

मिलने तो आओ ज़रा

इतने बुरे हम नहीं हैं

जितने हुए तुम ख़फ़ा

आएगी सुबह, ये रात ढल जाएगी

आएगी...

आधी सी बातों में पूरेपन सा तू आएगा

सुबह की लाली में कोई रंग नया लाएगा

आएगा, तू मेरे ख़ालीपन में तू आएगा

कानों में धीरे से कोई धुन सुनाएगा